न्यू दिल्ली: देश के 11 प्रदेशो में कोविड-19 के डेल्टा प्लस वेरिएंट के 48 केस मिले हैं. सरकार ने कहा है कि महाराष्ट्र से पहचाने गए 21 केस बहुत कम एरिया में है. महाराष्ट्र में अबतक सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं.
ICMR के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने बताया है कि डेल्टा-प्लस वेरिएंट 12 देशों में मौजूद है. हालांकि भार्गव ने बताया कि लैब के निष्कर्षों से पता चला है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों डेल्टा, अल्फा, बीटा, गामा इस सभी वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं. कोविशील्ड से एंटीबॉडी के स्तर को बेअसर करने में 2 गुना और कोवैक्सीन से 3 गुना कमी आई है. मॉडर्न और फाइजर वैक्सीन में कमी कम से कम 7 गुना है. उन्होंने कहा कि क्योंकि टीकों में प्रभावकारिता के विभिन्न स्तर होते हैं, इसलिये इनकी तुलना नहीं हो सकती है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को इससे रिलेटेड नई गाइडलाइन्स जारी की
महाराष्ट्र के अलावा कई अन्य प्रदेशो में भी ये वेरिएंट पाया गया है. इनमें पंजाब, गुजरात, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन राज्यों को उन जिलों में भीड़, व्यापक टेस्टिंग, लोगों के ज्यादा आपसी मेल-मिलाप को रोकने, जल्दी ट्रेसिंग के साथ-साथ टीकाकरण सहित रोकथाम के उपाय करने को कहा है.
डेल्टा-प्लस के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता का टेस्ट
INSACOG की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट के मुताबिक, डेल्टा प्लस वेरिएंट, जिसे VoC के रूप में कैटेगराइज किया गया है, इसने संचरण क्षमता, फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर्स के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी रिस्पॉन्स और स्ट्रॉन्ग बाइडिंग में संभावित कमी को बढ़ा दिया है. अधिकारियों ने कहा कि इस नए डेल्टा-प्लस संस्करण के कारण होने वाले सभी प्रभावो पर आगे की इंवेस्टिगेशन जारी है. भार्गव ने कहा कि ” डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता का भी टेस्ट हो रहा है और जो 7-10 दिनों में आने की उम्मीद की जा रही है.”
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