8 साल पहले 16 जून 2013 आज ही के दिन कुदरत ने केदारनाथ समेत प्रदेश के पर्वतीय जिलों में जो तांडव मचाया था, उसे याद करके ही आत्मा कांप जाती है। केदारनाथ की जलप्रलय 4 हजार से ज्यादा लोगों को निगल गई।
इतने वर्षों में भी आपदा के जख्म पूरे नहीं भर पाए हैं। बल्कि आपदा में तबाह हुई केदारपुरी को संवारने की कोशिशें लगातार जारी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केदारपुरी में पुनर्निर्माण की जो शुरुआत की थी, उसे बीजेपी सरकार ने जारी रखा। बाबा केदारनाथ के भक्त प्रधानमंत्री मोदी की दिलचस्पी के चलते केदारनाथ में पुनर्निर्माण को रफ्तार दी गई है। पहले चरण के सभी कार्य पूरे हो चुके हैं वही दूसरे चरण पर काम शुरू हो गया है।
अब केदारपुरी में काफी कुछ बदल चूका है। 16 जून 2013 की तबाह हुए केदारनाथ आज के केदारनाथ में जमीन-आसमान का अंतर नजर आता है। केदारपुरी में दुबारा बनाने के मरहम से आपदा के जख्मों को मिटाने की हर कोशिशें जारी हैं.
घाटी के सैकड़ों परिवारों को जलप्रलय के खोफ ने मैदानों में पलायन के लिए मजबूर कर दिया है। पहाड़ में आज भी जब आसमान से बादल बरसते हैं तो खौफ की वो यादों फिर से उस त्रासदी की याद दिलाती है।
केदारनाथ आपदा के वो जख्म
– केदारनाथ आपदा में 4400 से ज्यादा लोग मारे या लापता हो गए।
– 4200 से ज्यादा गांवों का पूरी तरह से संपर्क टूट गया।
– 2141 भवन पूरी तरह से बर्बाद हो गए।
– जलप्रलय में 1309 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि बह गई ।
– अर्द्ध सैनिक बलों और सेना ने 90 हजार लोगों को रेस्क्यू किया।
– 30 हजार लोगो को पुलिस ने बचाया।
– 55 नरकंकाल सर्च ऑपरेशन में खोज निकाले गए।
-11000 से अधिक पशु बह गए या मलबे में दब गए।
– 1,309 हेक्टेयर भूमि पानी की बाढ़ में बह गई।
– 2,141 भवनों का नामों-निशान मिट गया।
– 100 से ज्यादा छोटे और बड़े होटल ध्वस्त हो गए।
– 90,000 यात्रियों को यात्रा मार्गों से सेना ने निकाला।
– 30,000 स्थानीय लोगों को पुलिस द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
– 09 राष्ट्रीय राज्यमार्ग व 35 स्टेट हाईवे क्षतिग्रस्त हो गए।
– 2,385 सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा।
– 86 मोटर पुल और 172 छोटे और बड़े पुल बह गए।
राज्य में पुनर्निर्माण पर खर्च हुए 2300 करोड़
2013 की तबाही के बाद पुनर्निर्माण कार्यों पर करीब 2700 करोड़ खर्च हुए। एशियन डेवलपमेंट बैंक और विश्व बैंक के वित्त सहायताओं की 2,300 करोड़ रुपये की राशि से पुलों, पहाड़ियों के ट्रीटमेंट, सड़कों, बेघर लोगों के आवासों का निर्माण पर खर्च हुई है। प्रोजेक्ट के द्वारा 2382 भवनों का निर्माण किया गया।
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