पिछले साल 2020 में गलवान घाटी में चीन भारत के बीच जो हिंसक झड़प हुई थी, उसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे जबकि अनेक चीनी सैनिक भी मारे गए थे. इस घटना के आज 1 साल हो गया. गलवान घाटी की इस हिंसा का सबसे ज्यादा असर हुआ है और वो दोनों देशों के बीच वाणिज्य और व्यापार है.
भारत सरकार ने चीन के आक्रामक रवैये के बाद पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए चीन के निर्यात होने वाले कई सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया ताकि घरेलू उत्पादों को बढ़ावा दिया जा सके.
गलवान हिंसा का भारत-चीन व्यापार पर कितना असर?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2020 लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए भी आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया था. इसके बाद मोदी सरकार ने क्लब फैक्ट्री, टिकटॉक, समेत करीब 100 से अधिक चीनी ऐप पर रोक लगा दी.
गलवान घाटी की हिंसा के बाद कई भारतीयों ने चीन के सामानों का पूरी तरह से बहिष्कार करने का फैसला किया. लोकल सर्कल्स की तरफ से त्योहारों में सर्वे किया गया था, जिसमें 71% भारतीयों नागरिको ने कहा था कि उन्होंने चीन का कोई सामान नहीं खरीदा. जबकि कुछ लोगों ने कम कीमत की वजह खरीदा था. वर्ष 2020 में चीन के साथ व्यापार में करीब 5.6% की गिरावट आई थी. लेकिन इस साल यानी 2021 के 5 वर्षों के दौरान चीन से आयात में 42% का इजाफा हुआ है.
हालांकि लोकल सर्कल्स के अनुसार यह बढ़त, मेडिकल ऑक्सीजन उपकरण और जीवन बचाने वाले उपकरण की भारत में आयात में बढ़ोतरी की वजह से चीन के साथ व्यापार में बढत देखने को मिली है. इसकी बड़ी वजह भारत के कोविड महामारी और लॉकडाउन के चलते इनके उपकरणों की मांग काफी बढ़ गई थी.
लोकल सर्कल्स ने देश के 281 जिलों के करीब 18 हजार लोगों से सर्वे करके यह जाना कि पिछले सालभर के दौरान उन्होंने चीन का सामान खरीदा या नहीं. और अगर खरीदा तो किस वजह से खरीदा.
43% लोगो ने पिछले 12 महीनों के दौरान कोई भी चीन का सामान नहीं खरीदा
भारत पहले से ही, चीन की दवाईयों और इलैक्ट्रिकल मशीनरी पर काफी निर्भर है. उसके बाद जब सर्वे के दौरान लोगों से यह सवाल किया गया तो 43% भारतीयों ने कहा कि उन्होंने चीन की एक भी चीज नहीं खरीदी है. जबकि 34% लोगों ने बताया कि उन्होंने 1-2 प्रोडक्ट्स खरीदे हैं तो वहीं 8% ने कहा कि 3 से 5 आइट्म्स खरीदे हैं. 4% ऐसे थे जिन्होंने 5 से 10 प्रोडक्ट्स खरीदे. तो वहीं 3% ने 10 से 15 सामान खरीदे है. इसमें 9 हजार 52 लोगों से जवाब मांगा गया था.
60% ने सिर्फ 12 महीने में सिर्फ 1-2 सामान ही चीन का खरीदा
सर्वे के दौरान पता चला कि पिछले 12 महीने में मेड इन इंडिया का सामान खरीदा है उसमें से 60% ऐसे लोग हैं, जिन्होंने सिर्फ 1 से 2 सामान ही चीन का खरीदा है. 14% ने कहा कि उन्होंने 3 से 5 प्रोडक्ट्स, 7% ने कहा कि 5 से 10 प्रोडक्ट्स और 2% ने 10 से 15 सामान खऱीदे.
चीनी सामान कम कीमत की वजह से खरीदा
सर्वे के अनुसार, जिन लोगों ने चीन के सामान खरीदे उनमें से 70% ने बताया कि कम कीमत की वजह से खरीदा है जबकि 40 % ने यूनीकनैस की वजह बताई तो वहीं 38% ने बेटर क्वालिटी वजह बताई है.
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