पश्चिम बंगाल: मुकुल रॉय पहले से ही TMC के कोर टीम मेंबर्स में से एक रहे हैं। नवंबर 2017 में जब वह BJP में शामिल हुए तो वह TMC के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेताओं में से एक थे। 2019 से पहले मुकुल BJP में एक महत्वपूर्ण नेता थे और भाजपा को उनसे TMC को विभाजित करने की उम्मीद थी।
जब ममता सीएम बनीं तो मुकुल की TMC में वरिष्ठता और अहमियत थी। उन्होंने TMC के सूक्ष्म प्रबंधन और जिला-स्तरीय संगठनों को देखा। भाजपा को उम्मीद थी कि मुकुल एक संपत्ति होंगे। और मुकुल रॉय ने BJP के लिए अच्छा काम किया. कैलाश विजयवर्गीय जब बंगाल के पार्टी प्रभारी बने तो मुकुल उनके काफी करीब आ गए।
लेकिन सवाल यह है कि मुकुल रॉय अब TMC में वापस क्यों आए? ऐसी अटकलें हैं कि वह भाजपा में गये थे क्योंकि उन्हें शारदा चिटफंड घोटाले पर सीबीआई की धमकी का सामना करना पड़ा था। इसलिए मुकुल रॉय अपने साथियों, मदन मित्रा, सुदीप बंद्योपाध्याय, तापस पाल, और कई अन्य को सलाखों के पीछे से बचाने के लिए BJP में शामिल हो गए।
आज मुकुल रॉय TMC में शामिल हो गए, हालाँकि एक लंबी स्टोरी है जिसके कारण वे TMC में वापस गये। सबसे पहले सुवेंदु अधिकारी BJP में शामिल हुए, PM नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री सहित केंद्र नेतृत्व की सुर्खियों ने उन्हें मुख्य विपक्षी चेहरा बना दिया। मुकुल रॉय सुवेंदु अधिकारी के वर्चस्व को स्वीकार करने में विफल रहे।
TMC में मुकुल रॉय ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पोजीशन पर थे। ममता बनर्जी ने सरकार वहीं मुकुल रॉय ने पार्टी चलाई। लेकिन BJP में सुवेंदु अधिकारी को अधिक महत्व मिला, खासकर नंदीग्राम की जीत के बाद। इसने मुकुल को अपने घर लौटने के लिए प्रेरित किया गया।
दरअसल, बंगाल चुनाव से पहले मुकुल और ममता बनर्जी के बीच अनौपचारिक चर्चा हुई थी. ममता बनर्जी मुकुल रॉय के प्रति नरम रही हैं, उन्होंने कहा था कि मुकुल रॉय सुवेंदु से बेहतर हैं। जनवरी में विक्टोरिया मेमोरियल कार्यक्रम में, जहां पीएम भी थे, ममता बनर्जी ने कहा था मुकुल आपकी तबीयत का खयाल रखें।
ममता बनर्जी ने मुकुल से यह भी कहा कि वह बंगाल चुनाव से पहले भी वापस आ सकते हैं, लेकिन उन्हें 2 समस्याएं थीं: अभिषेक बनर्जी और सीबीआई। मुकुल रॉय अभिषेक को पसंद नहीं करते थे, ठीक इसी वजह से सुवेंदु अधिकारी भी BJP में चले गए।
हालांकि, ममता ने उन्हें भरोसा दिया कि मुकुल रॉय की वापसी होने पर उनका परिवार बाधा नहीं बनेगा। उन्होंने सोचा कि उन्हें राज्यसभा का टिकट या मोदी कैबिनेट में जगह मिल जाये, लेकिन उन्होंने महसूस किया कि यह अब असंभव है।
TMC में भी अटकलें थीं कि मुकुल BJP के केंद्रीय नेतृत्व से कोई ठोस आश्वासन का वेट कर रहे थे। गृह मंत्री और पीएम मोदी ने सुवेंदु अधिकारी से मुलाकात की परन्तु मुकुल को बैठक के लिए नहीं बुलाया। मुकुल के लौटने का फैसला उनके बेटे और अभिषेक के अच्छे संबंध की वजय से हुआ। मुकुल रॉय का स्वास्थ्य कुछ खराब है, उन्होंने सोचा कि मानसिक रूप से संतुष्ट होने के लिए उन्हें TMC में लौटते होगा।
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