यूपी मंत्रिमंडल ने पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान मारे गए सरकारी अधिकारियों के परिवारों के लिए 30 लाख रुपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी दे दी है।
सोमवार को वर्चुअल कैबिनेट की बैठक में मृत सरकारी कर्मचारियों के लिए सहायता राशि 15 लाख रुपये से 30 लाख कर दी गई। बता दे कि उत्तर प्रदेश में अप्रैल के पहले वीक से कोरोना के कारण 1600 से अधिक कर्मचारियों और शिक्षकों की मृत्यु हो गई थी और उनमें से 90% पंचायत चुनाव में कार्य कर रहे थे।
योगी सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि जिन शिक्षकों व कर्मचारियों ने कोरोना के लिए नकारात्मक परीक्षण किया, लेकिन कोविड के कारण उनकी मृत्यु हो गई, उन्हें भी ये राशि पाने के हकदार होंगे।
बैठक में यह बताया गया कि मुआवजे उन्ही लोगों के परिवारो को मिलेगा जिनके पास आरटी-पीसीआर/एंटीजन पॉजिटिव रिपोर्ट, सीटी स्कैन रिपोर्ट या ब्लड रिपोर्ट होनी चाहिए। कोरोना से अपनी चुनावी ड्यूटी के 30 दिनों के अंदर मरने वालों के परिजनों भी 30 लाख रुपये की राशि के पात्र होंगे।
कोरोना पर निदेशक, राज्य सलाहकार बोर्ड और एसजीपीजीआई से अनुमोदन के बाद ज्यादातर प्रभावित परिवारों को कवर करने के लिए 30 दिवस की सीमा रखी गई है।
कैबिनेट ने विशेष रूप से उन बच्चों की मदद करने का भी फैसला लिया है, जो अपने माता-पिता या कमाई करने वाले सदस्यों को खो चुके है. बच्चे को हर माह 4,000 रुपये की सहायता की जायगी, जबकि अनाथ लड़कियों के विवाह के लिए 1 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।
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