चैंपियंस ट्रॉफी 2025: मोहम्मद रिजवान की कप्तानी में पाकिस्तान टीम ग्रुप स्टेज से बाहर, कोई खिलाड़ी नहीं चुना गया टीम ऑफ द टूर्नामेंट में
नव॰, 16 2025
जब चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया, तो दर्शकों की नजरें भारत और न्यूजीलैंड पर थीं — लेकिन वो जगह जहां यह टूर्नामेंट शुरू हुआ था, वो था कराची। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने 31 जनवरी 2025 को अपनी 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की, जिसमें मोहम्मद रिजवान को कप्तान और आगा सलमान को उप-कप्तान बनाया गया। लेकिन जब टूर्नामेंट खत्म हुआ, तो पाकिस्तान की टीम ने न सिर्फ ग्रुप स्टेज से बाहर होने का दर्द झेला, बल्कि आईसीसी की टीम ऑफ द टूर्नामेंट में एक भी खिलाड़ी का नाम नहीं आया। ये वो पल था जब उम्मीदें और आलोचनाएं एक साथ उड़ गईं।
बल्लेबाजी की गहराई, लेकिन गेंदबाजी में अंधेरा
चयन समिति ने नौ बल्लेबाजों को टीम में शामिल किया — ये एक जानबूझकर फैसला था। फखर जमां (34) और सऊद शकील (29) की वापसी ने लंबे समय से चल रहे बल्लेबाजी संकट को हल करने की कोशिश की। बाबर आजम के साथ फखर की सलामी जोड़ी को देखकर कई ने सोचा कि ये टीम टूर्नामेंट जीत सकती है। लेकिन जब बल्ले बजने लगे, तो गेंदबाजी बर्बाद हो गई। टीम में एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर अबरार अहमद (26) थे, जिन्होंने चार वनडे में 10 विकेट लिए। लेकिन एक अकेले स्पिनर पर भरोसा करना, जब दूसरे स्पिनर चोटिल थे और ऑलराउंडर नहीं थे, वो जोखिम था जो अब भुगतना पड़ा।
चोट और अनुभव: टीम का दोहरा झटका
साइम अयूब की टखने की चोट ने टीम को बड़ा झटका दिया। वो एक ऐसा ऑलराउंडर थे जिनकी जगह फखर जमां ने ले ली — जो बल्लेबाजी में अच्छे थे, लेकिन गेंदबाजी में नहीं। वकार यूनिस (52) ने सीधे कहा: "अबरार अहमद के एकमात्र स्पिनर होने से टीम की गेंदबाजी में संतुलन की कमी है।" और ये संतुलन वो था जिसकी टीम को जरूरत थी। टूर्नामेंट के दौरान जब भारत ने लगातार गेंदबाजी के जरिए टीम को धक्का दिया, तो पाकिस्तान की टीम के पास कोई विकल्प नहीं था।
प्रदर्शन का अंत: छठे दिन बाहर
पाकिस्तान की टीम ने 24 फरवरी 2025 को भारत के खिलाफ अपना दूसरा मैच खो दिया — और फिर टूर्नामेंट से बाहर हो गई। ये उनका छठा दिन था। उन्होंने पहले ही न्यूजीलैंड को हराने का मौका गंवा दिया था। जब भारत ने दुबई में न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर खिताब जीता, तो पाकिस्तान के खिलाड़ियों के लिए ये दिन अंधेरा था। उनके बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन गेंदबाजी ने उन्हें धक्का दिया।
आईसीसी की टीम में शामिल न होना: एक ऐतिहासिक असफलता
आईसीसी ने टूर्नामेंट ऑफ द टीम की घोषणा की — और पाकिस्तान का कोई नाम नहीं था। भारत के 6 खिलाड़ी, न्यूजीलैंड के 4, अफगानिस्तान के 2 — ये थे चुने गए। ये पहली बार था जब किसी मेजबान देश की टीम का एक भी खिलाड़ी टीम ऑफ द टूर्नामेंट में नहीं आया। ये सिर्फ एक असफलता नहीं, बल्कि एक संकेत था कि टीम की तैयारी और चयन दोनों में गहरी खाई है।
आलोचनाएं और वादे: क्या आगे कुछ बदलेगा?
इमरान खान (72) ने कहा: "हमारे चयनकर्ताओं को अनुभवी खिलाड़ियों पर अधिक भरोसा करना चाहिए था।" उनकी बात से लगता है कि जवानी को तरजीह देने की नीति ने बहुत खराब असर डाला। नजम सेठी (61), PCB के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ने स्वीकार किया: "हमने टूर्नामेंट की सफल मेजबानी के लिए पूरी कोशिश की, लेकिन हमारी टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।"
अब ज़हीर अब्बास (78) ने वादा किया है कि वे अपनी तैयारियों की समीक्षा करेंगे। लेकिन समीक्षा से ज्यादा जरूरत है — बदलाव की। अगर टीम अगले विश्व कप के लिए तैयार होनी है, तो उन्हें बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी के संतुलन को भी फिर से बनाना होगा।
क्या अगला कदम?
2026 में आने वाला विश्व कप अब टीम के लिए एक नया अवसर है। लेकिन इस बार उन्हें बस बल्लेबाजी की गहराई नहीं, बल्कि गेंदबाजी की विविधता भी चाहिए। क्या अबरार अहमद के साथ कोई दूसरा स्पिनर आएगा? क्या खुशदिल शाह या फहीम अशरफ को अधिक जिम्मेदारी दी जाएगी? ये सवाल अभी भी जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में पाकिस्तान की टीम क्यों इतनी जल्दी बाहर हो गई?
पाकिस्तान की टीम का ग्रुप स्टेज से बाहर होने का मुख्य कारण गेंदबाजी का असंतुलन था। एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर अबरार अहमद के अलावा टीम में कोई दूसरा स्पिनर नहीं था, जबकि तेज गेंदबाजों की टीम भारत और न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों के खिलाफ अक्षम रही। दोनों मैचों में टीम ने 180-200 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए गेंदबाजी से बहुत रन दिए।
क्यों फखर जमां और सऊद शकील को टीम में शामिल किया गया?
फखर जमां और सऊद शकील को टीम में शामिल किया गया क्योंकि टीम की बल्लेबाजी में गहराई की कमी थी। दोनों खिलाड़ी अपनी फॉर्म के बावजूद अनुभवी और आरंभिक बल्लेबाज हैं। साइम अयूब की चोट के बाद उन्हें बल्लेबाजी के ऊपर भार डालने के लिए चुना गया, लेकिन उनकी गेंदबाजी क्षमता नहीं थी, जिससे टीम का संतुलन बिगड़ गया।
क्या अबरार अहमद को टीम में चुनना एक गलती थी?
अबरार अहमद का चयन उनके हाल के प्रदर्शन के आधार पर हुआ था — चार मैचों में 10 विकेट लेना एक अच्छा आंकड़ा है। लेकिन एकमात्र स्पिनर होने के नाते, उन पर बहुत ज्यादा दबाव था। टीम को एक और स्पिन विकल्प की जरूरत थी, खासकर जब टूर्नामेंट तेज पिचों पर खेला जा रहा था। इसलिए ये चयन रिस्क था, और वो फेल हो गया।
पाकिस्तान की टीम को आईसीसी टीम ऑफ द टूर्नामेंट में क्यों नहीं चुना गया?
आईसीसी टीम ऑफ द टूर्नामेंट में खिलाड़ियों का चयन उनके प्रदर्शन, स्थिरता और प्रभाव के आधार पर होता है। पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने ग्रुप स्टेज में अच्छा खेला, लेकिन उनके प्रदर्शन में लगातार गेंदबाजी की कमजोरी थी, जिससे उनके बल्लेबाजों के प्रदर्शन का भी असर पड़ा। इसलिए कोई भी खिलाड़ी इस टीम में शामिल नहीं हो सका।
अगले विश्व कप के लिए पाकिस्तान की टीम को क्या बदलाव चाहिए?
अगले विश्व कप के लिए पाकिस्तान को दो स्पिनरों की टीम बनानी होगी — एक लेग स्पिनर और एक ऑफ स्पिनर — ताकि पिच के अनुसार रणनीति बनाई जा सके। उन्हें ऑलराउंडर्स को भी अधिक जिम्मेदारी देनी होगी। फखर जमां और सऊद शकील के साथ बाबर आजम की बल्लेबाजी तो अच्छी है, लेकिन गेंदबाजी का संतुलन बनाना ही अब टीम की जिम्मेदारी है।
क्या पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अब चयन प्रक्रिया बदलेगा?
ज़हीर अब्बास ने समीक्षा का वादा किया है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट योजना नहीं सामने आई है। अगर चयन समिति में अनुभवी निकायों को शामिल किया जाए, जैसे वकार यूनिस या इमरान खान के जैसे पूर्व खिलाड़ी, तो भविष्य के चयन अधिक व्यावहारिक हो सकते हैं। बस बल्लेबाजी की गहराई पर नहीं, बल्कि टीम के संतुलन पर भी ध्यान देना होगा।