छोटी दिवाली पर दिल्ली में सोने की कीमत 3,200 रुपये बढ़ी, 1,34,800 रुपये/10ग्राम तक

जब अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने 19 अक्टूबर 2025 को छोटी दिवाली के अवसर पर हुए दाम‑उछाल की घोषणा की, तो दिल्ली के सर्राफा बाजार में खरीदारों का जोश झलकता दिखा। 99.9 % शुद्धता वाले सोने की कीमत 3,200 रुपए बढ़कर 1,34,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई, जो पिछले दिन के 1,31,600 रुपये से एक बड़ा अंतर था।
छोटी दिवाली और सर्राफा बाजार का माहौल
छोटी दिवाली 2025 छोटी दिवाली 2025दिल्ली के रूप में शहर के कई व्यापारियों के लिए सबसे प्रमुख खरीद‑बिक्री का दिन था। सर्राफा-गली में गजियाबाज़ी और लाइटिंग का जलवाँ, साथ ही आभूषण विक्रेताओं के स्टॉल पर लंबी कतारें, इस बात का प्रमाण थीं कि लोग परम्परागत रूप से इस समय सोने की खरीदारी को प्राथमिकता देते हैं।
सोने के दाम में उछाल: आँकड़े और विश्लेषण
ABP Live के डेटा के अनुसार, 22‑कैरेट सोने का दाम इस दिन 1,29,227 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जबकि 24‑कैरेट की कीमत 1,40,271 रुपये रही। पिछले हफ्ते के आंकड़ों से तुलना करें तो, 18 अक्टूबर को 22‑कैरेट का दाम 1,29,227 रुपये था, यानी केवल 3,368 रुपये का बढ़ाव। 24‑कैरेट के मामले में 3,655 रुपये की वृद्धि देखी गई।
इन आँकड़ों को देखते हुए, राजेश कुमार, मुख्य आर्थिक विश्लेषक वेदान्त एसेट मैनेजमेंट ने कहा, "धनतेरस की पूर्वसंध्या में निवेशकों की भीड़, साथ ही रजत‑गहना बाजार में सीमित सप्लाई, सोने की कीमत में इस तेज़ी का मुख्य कारण है।"
चांदी के दाम में गिरावट और इसके पीछे के कारण
साथ ही, चांदी की कीमतें 7,000 रुपये गिरकर 1,77,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। 18 अक्टूबर को ये कीमत 1,84,000 रुपये थी। Times Now Hindi के अनुसार, फेडरल रिज़र्व की संभावित ब्याज‑दर कटौती की आशा, चांदी में अल्पकालिक दबाव डाल रही है। फ़ेडरल रिज़र्व की नीति‑परिणामस्वरूप, धातु‑बाजार में अस्थिरता अक्सर देखने को मिलती है।
किंतु, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अगले महीने के फेडरल मीटिंग में दर‑कटौती की पुष्टि हुई, तो चांदी की कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं। यह उलट‑फेर निवेशकों को दो‑तरफा रणनीति बनाने की चुनौती देती है।

विशेषज्ञों की राय और भविष्य की संभावनाएँ
वित्तीय विश्लेषक मीना शेट्टी (साक्षात्) ने कहा, "फेडरल रिज़र्व की दर‑कटौती की उम्मीद अगर बढ़ती है, तो सोने का ‘सुरक्षित‑शरण’ का दर्जा और मजबूत होगा, जिससे अगले कुछ हफ्तों में कीमतों में फिर से तेज़ी आ सकती है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि त्योहारी सीजन में मांग में लगातार 15‑20 % की वृद्धि देखी जाती है, इसलिए छोटे‑छोटे सुधार भी कुल कीमत पर बड़ा असर डालते हैं।
दूसरी ओर, रियल‑एस्टेट मार्केट के विशेषज्ञ अजय वर्मा ने इशारा किया कि "सोना एक निवेश साधन है, लेकिन बाजार में अवरोध आने पर लोग अक्सर रियल‑एस्टेट या म्यूचुअल फंड्स की ओर रुख करते हैं। इसलिए कीमतों में अचानक गिरावट भी संभव है," और इस बात को रेखांकित किया कि निवेशकों को पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखना चाहिए।
आगामी दिनों में क्या देखना चाहिए?
आगे देखते हुए, अगर फ़ेडरल रिज़र्व अगली मीटिंग में दर‑कटौती की पुष्टि करता है, तो अगले दो‑तीन हफ्तों में सोने की कीमतें 5,000‑7,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और अधिक बढ़ सकती हैं। छोटे एवं मध्यम निवेशकों को इस अवसर का लाभ उठाकर ग्रॉसरी‑ग्लांसिंग या छोटे‑बड़े सॉलिड गोल्ड बैंड्स में निवेश करने की सलाह दी जा रही है।
दूसरी ओर, चांदी के ट्रेडर यह देखेंगे कि क्या अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर की मजबूती कम होती है, जिससे चांदी की बेस‑मूल्य में फिर उछाल आएगा। कुल मिलाकर, त्योहारी सीजन के अंत में, यानी नववर्ष के पहले दो हफ़्तों में, धातु‑बाजार की दिशा काफी हद तक वैश्विक मौद्रिक नीति और घरेलू मांग के संयोजन पर निर्भर करेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
छोटी दिवाली के दौरान सोने की कीमतें इतनी तेज़ी से क्यों बढ़ी?
छोटी दिवाली को अक्सर सोने‑गहना खरीदने का "शुभ‑समय" माना जाता है। इस दिन बढ़ती खरीद‑मनःस्थिति, रिटेलर‑स्टॉक की कमी और धनतेरस से पहले निवेशकों की अल्प‑आवधि के लाभ‑प्रेप्टिशन ने मिलकर कीमतों में 3,200 रुपये का उछाल दिया।
चांदी की कीमत में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
मुख्य कारण है फ़ेडरल रिज़र्व की संभावित दर‑कटौती की उम्मीद, जिससे अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है और चांदी की अंतर्राष्ट्रीय कीमत पर दबाव पड़ता है। साथ ही, छोटे‑मध्यम निवेशकों ने सोने की ओर रुख किया, जिससे माँग में असंतुलन पैदा हुआ।
क्या निवेशकों को अभी सोने में और निवेश करना चाहिए?
विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि आप दीर्घकालिक सुरक्षा वाला साधन चाहेंगे तो सोना अभी भी एक अच्छा विकल्प है। खासकर अगर फेडरल रिज़र्व दर‑कटौती की पुष्टि करता है, तो कीमत में और बढ़ोतरी की संभावना है। परंतु पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
भविष्य में 24‑कैरेट सोने की कीमत कितनी हो सकती है?
यदि फेडरल मीटिंग में दर‑कटौती होती है और त्योहारी मांग बनी रहती है, तो अगले दो‑तीन हफ़्तों में 24‑कैरेट सोने की कीमत 1,45,000 रुपये प्रति 10 ग्राम या उससे अधिक पहुँच सकती है। यह अनुमान वर्तमान ट्रेंड पर आधारित है।
सर्राफा बाजार में ख़रीद‑फ़रोख़्त के लिए कौन‑से शहर सबसे तेज़ी से वृद्धि देख रहे हैं?
दिल्ली के अलावा मुंबई, जयपुर और कोलकाता में भी इस साल की छोटी दिवाली के दौरान सोने की कीमतों में 2‑3 % तक की वृद्धि दर्ज हुई। इन शहरों में सर्राफा मार्केट का बुनियादी ढाँचा और उपभोक्ता वर्ग समान रूप से मजबूत है।