न्यूज़ीलैंड ने भारत को 113 रन से हराया, पुणे में पहली टेस्ट श्रृंखला जीत
अक्तू॰, 26 2025
जब टॉम लाथम, कप्तान of न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम ने 17 अक्टूबर 2024 को पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में भारत को 113 रन से हराया, तो यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि भारत में टेस्ट श्रृंखला पर इतिहास बना दिया। इस जीत से न्यूज़ीलैंड ने अपने पहले टेस्ट सीरीज़ जीतने का सपना साकार किया, जबकि भारतीय टीम ने 2012 से घर में लगातार 12 साल तक सीरीज नहीं हारी थी।
पृष्ठभूमि: भारत में टेस्ट जीत का कबाड़ सफ़र
भारत ने 2012 के बाद से अपने गृह मैदान पर 18 लगातार टेस्ट श्रृंखला जीत ली थीं, आखिरी हार इंग्लैंड के खिलाफ नवंबर 2012 में थी। इस अनवरत जीत की श्रृंखला में कई बार विदेशी टीमें हार मान गई थीं, लेकिन न्यूज़ीलैंड ने इस बार वही चकाचौंध नहीं छोड़ पाई। पहले टेस्ट में बेंगलुरु के एएमएस कोरमिनिएटर स्टेडियम में भारत को 3‑0 से हराकर, न्यूज़ीलैंड ने अपनी प्ले‑ऑफ़ को मजबूत बना दिया। इस पृष्ठभूमि को समझे बिना आज की जीत का महत्व कम समझा जा सकता है।
पुणे में मैच की प्रमुख घटनाएँ
पहले इनिंग में न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम ने 259 रन बनाकर शुरुआत की, जबकि भारत ने सिर्फ 156 रन बनाए। दूसरे इनिंग में न्यूज़ीलैंड ने 255 रन जोड़े, जिससे लक्ष्य 359 रन तय हुआ। भारतीय बैट्समैन यशस्वी जयसवाल, 22, 77 रन बना कर टॉप स्कोरर रहे, पर रोहित शर्मा, 37, सिर्फ 8 रन ही जोड़ पाए।
दोपहर के भोजन के बाद भारतीय पन्ना रिषभ पंत का रन‑आउट और कई तेज़ आउट्स ने भारत की दूसरी इनिंग को 245 तक ही सीमित कर दिया। अंत में न्यूज़ीलैंड ने 113 रन से मैच जीत लिया।
न्यूज़ीलैंड की जीत के प्रमुख कारक
इस जीत का सबसे बड़ा कारण मिचेल सैंटर, ऑफ़‑स्पिनर of न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम का शानदार प्रदर्शन रहा। उन्होंने दोनों इनिंग्स में मिलाकर 13 विकेट लिये (पहली इनिंग में 7/53 और दूसरी में 6/104)। उनके साथ अजाज़ पटेल ने 2 विकेट लिए। ग्लेन फिलिप्स का भी योगदान रहा – 16 ओवर में 1 विकेट और 60 रन देकर टीम को बॉलिंग में संतुलन दिया। टीम की फील्डिंग और रन‑ऑफ़ प्रेशर ने भारतीय बल्लेबाज़ी को डगमगा दिया।
- सैंटर के 13 विकेट = मैच के कुल 13 में 50% से अधिक.
- न्यूज़ीलैंड की कुल स्कोर 259 + 255 = 514 रन.
- भारत को लक्ष्य 359 रन पर 245 पर खत्म होना पड़ा.
- भारत की 12‑वर्षीय श्रृंखला न हारी रिकॉर्ड टूटा.
भारतीय टीम की प्रतिक्रिया और विश्लेषण
मैच के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, "हमारी तैयारी में कमी रही, विशेषकर स्पिन के खिलाफ। हमें अपने प्लान को बदलना होगा।" भारत के अनुभवी गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने भी कहा कि पिच ने स्पिन को बहुत मदद की, पर न्यूज़ीलैंड की गेंदबाज़ी में विविधता ने उन्हें चकनाचूर कर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अगले टेस्ट में अपनी पिच के अनुसार बॉलिंग प्लान को फिर से तैयार करना होगा, जिससे वे यूवीसी को गिरावट से बचा सकें।
भविष्य की राह और अंतिम टेस्ट का महत्व
तीसरा और अंतिम टेस्ट 25 अक्टूबर से वैंकड़े स्टेडियम, मुंबई में होगा। यदि न्यूज़ीलैंड इस टेस्ट को भी जीतता है, तो भारत पर 12‑वर्षीय लाभ का अंत निश्चित हो जाएगा और न्यूज़ीलैंड की पहली भारत‑में टेस्ट श्रृंखला जीत होगी। भारतीय टीम को इस बार से पहले के प्रदर्शन को रिवर्स करने के लिए तेज़ गेंदबाज़ी, स्पिन कंट्रोल और बैटिंग कोऑर्डिनेशन पर ध्यान देना पड़ेगा। इस श्रृंखला का परिणाम अगले कुछ महीने की अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर में भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि दोनों टीमें एशिया कप और आगामी विश्व कप की तैयारी में भी लगी हुई हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
न्यूज़ीलैंड ने इस जीत के साथ कौन-से रिकॉर्ड बनाए?
न्यूज़ीलैंड ने पहला टेस्ट सीरीज जीत कर इतिहास रचा, जहाँ उन्होंने भारत में 2‑0 की अग्रिम जीत हासिल की। साथ ही सैंटर ने मैच में 13 विकेट ले कर टीम के लिये सबसे अधिक विकेट वाले खिलाड़ी बनते हुए व्यक्तिगत रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
भारत के लिए इस हार का सबसे बड़ा कारण क्या बताया गया?
विशेषज्ञों का मानना है कि पिच ने स्पिन गेंदबाज़ी को बहुत मदद की और सैंटर की ऑफ‑स्पिन ने भारतीय बैट्समैन को लगातार बांध कर रखा। इसके अलावा भारतीय टीम की टॉप ऑर्डर की असफलता और तेज़ रन‑आउट ने कुल मिलाकर हार को बढ़ाया।
अगला टेस्ट कब और कहाँ होगा?
तीसरा और आखिरी टेस्ट 25 अक्टूबर 2024 को मुंबई के वैंकड़े स्टेडियम में रहेगा। इस मैच को देखते हुए भारतीय टीम को सीरीज़ को बराबर करने की कोशिश करनी होगी, जबकि न्यूज़ीलैंड को सफ़लता की ओर एक और कदम बढ़ाने की उम्मीद है।
इस जीत से न्यूज़ीलैंड के आधी‑वर्षीय रिकॉर्ड पर क्या असर पड़ेगा?
न्यूज़ीलैंड की आधी‑वर्षीय जीत दर 2024‑25 में अब 70% से ऊपर पहुँच गई है। भारत में पहली बार श्रृंखला जीतने से उनका विश्व रैंकिंग में भी सुधराव की संभावना है, क्योंकि अब वे उपजॉइंट पिचों में भी जीतने की क्षमता दिखा चुके हैं।
क्या इस जीत से भारतीय दर्शकों की अपेक्षाएं बदलेंगी?
हँसी-खुशी के साथ, भारतीय दर्शक अब अपने टीम के सख्त अंडर‑ड्राफ्ट पर सवाल उठाने लगेंगे। विशेषकर स्पिन विरोधी रणनीति और मध्यक्रम के सुधार पर अब चर्चा तेज होगी, क्योंकि पिछले 12 सालों की लहर टूट गई है।